आचार्य श्रीराम शर्मा >> सफलता के सात सूत्र साधन सफलता के सात सूत्र साधनश्रीराम शर्मा आचार्य
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विद्वानों ने इन सात साधनों को प्रमुख स्थान दिया है, वे हैं- परिश्रम एवं पुरुषार्थ ...
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असफलता से निराश न हों
कार्यों का परिणाम मिलता है, यह एक ध्रुव सत्य है। कोई भी क्रिया प्रतिक्रिया सेरहित नहीं है। जो कुछ किया जाता है उसका प्रतिफल भी अवश्य होता है पर यह प्रतिफल कब, कितनी मात्रा में, कैसा होगा उसका रूप ठीक तरह निश्चित नहींकिया जा सकता। यह बातें परिस्थितियों पर भी निर्भर रहती हैं। साइकिल चलाने में कितनी देर में कितनी दूर पहुँच जावेंगे, उसका एक उत्तर नहीं हो सकता,क्योंकि साथ में और भी कितनी ही बातों से इसका उत्तर संबधित है। सड़क खराब है या अच्छी ? हवा सामने की है या पीछे की ? चलाने वाले का स्वास्थ्य कैसाहै ? साइकिल अच्छी हालत में है या खराब हालत में ? इन बातों की अनुकूलता प्रतिकूलता जानकर ही यह अनुमान किया जा सकता है कि यात्रा कितनी देर मेंपूरी होगी।
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- सफलता के लिए क्या करें? क्या न करें?
- सफलता की सही कसौटी
- असफलता से निराश न हों
- प्रयत्न और परिस्थितियाँ
- अहंकार और असावधानी पर नियंत्रण रहे
- सफलता के लिए आवश्यक सात साधन
- सात साधन
- सतत कर्मशील रहें
- आध्यात्मिक और अनवरत श्रम जरूरी
- पुरुषार्थी बनें और विजयश्री प्राप्त करें
- छोटी किंतु महत्त्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें
- सफलता आपका जन्मसिद्ध अधिकार है
- अपने जन्मसिद्ध अधिकार सफलता का वरण कीजिए